जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं
व्यवस्था को बदल दे, उसे ‘बिश्नोई’ कहते हैं
बिश्नोई वीर हो साबित करने सत्य, सुधाकर गति अपनाओ!
दुनिया युगों युगों तक याद करे, जीवन में कुछ ऐसा कर जाओ!!
ये मत भूलो कि बिश्नोई के खून की बांकी ललाई है
पलट डाली है सत्ता,जब भी ’बिश्नोई’ के मन में आई है
लड़ना लड़ अन्याय से, अड़ना हक के काज!
इतनी विद्या जान ले तो जग ‘बिश्नोई ’सुराज.!!
खुदा ने उस कौम की हालत कभी नही बदली ।
न हो ख्याल जिसे खुद अपनी हालत बदलने का .!!
बिश्नोई बन्धुऔ एक हो जाओ, असगठित रहने की कसम नही खायी है।बंटे रहे तो मात खाओगे, इकट्ठे रहे तो जीत जाओगे.!!
संगठन में शक्ति है!
5 comments:
Bishnoi is best
Ek ho jao
Ekta ko jaanlena hi sarv shaktiman hai
Real courage of BISHNOISM specified beautifully.
sach hai g
Post a Comment